पिंक सिटी के नाम से मशहूर राजस्थान कि राजधानी जयपुर देश सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. जो कि अपने महलो , किलो और राजसी इमारतो के लिए विख्यात है. जयपुर में घुमने के लिए भारत के साथ साथ विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते है. जो अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है. यूनेस्को द्वारा जुलाई 2019 में जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया है. आज के इस ब्लॉग में हम जयपुर में घुमने कि जगह (Jaipur me ghumne ki jagah) के बारे में विस्तार से जानेगे.
जयपुर का इतिहास (History Of Jaipur) : The Pink City
अगर आप भारत के गुलाबी शहर यानि जयपुर में घुमने का प्लान बना रहे है तो आपको यहाँ को इतिहास के बार में पता होना होना चाहिए.
जयपुर शहर की स्थापना आमेर के मुगल सामंत सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने बसाया के द्वारा बसाया गया था. राजनीतिक जरूरत और सुविधा को देखते हुए जय सिंह II ने अपने राज्य की राजधानी को अम्बर से जयपुर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था।इस नगर को बसाने के लिए जय सिंह || ने बंगाली ब्राह्मण विद्वान विद्याधर भट्टाचार्य से वास्तु शास्त्र में सहायता ली थी.
जयपुर को पिंक सिटी क्यों कहा जाने लगा?
बात 1856 की है जब ब्रिटिश जमींदार सवाई रामसिंह ने महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजा दिया था।इसी कारण जयपुर को पिंक सिटी ऑफ़ इंडिया कहा जाने लगा.
जयपुर का नाम कैसे पड़ा?
महाराज सामंत सवाई जयसिंह (द्वितीय) के नाम को आधार लेकर जयपुर नाम रखा गया था.बता दे कि जयपुर का एक दूसरा नाम “सिटी ऑफ़ विक्टरी” है. यह इस नाम से भी फेमस है.
जयपुर के मुख्य उद्योग
यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं।
भारत का पेरिस के नाम से मशहूर शहर जयपुर अपनी व्यवस्थित शहरी योजना के लिए भी जानी जाती है यहां के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य भी बहुत प्रसिद्ध हैं। जयपुर के पास ही दिल्ली, आगरा, और जोधपुर जैसे महत्वपूर्ण शहर हैं, जो भारत के गोल्डन ट्रायंगल (Golden Triangle) का हिस्सा हैं। यहां के नौग्रह, किले और हवेलियाँ आज भी अपने परंपरागत स्वरूप में बनी हुई हैं और पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतों से घिरा है. और यहाँ कि मुख्य पहचान महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है .
जयपुर से संबंधित रोचक तथ्य
- जयपुर को भारत का पेरिस , पिंक सिटी आदि नामो से जाना जाता है.
- जुलाई 2019 में यूनेस्को द्वारा जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया था.
- जयपुर शहर का नाम सामंत सवाई जयसिंह (द्वितीय) के नाम पर रखा गया था.
- जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है.
- यह शहर तीन तरफ से अरावली पर्वतों से घिरा है.
जयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Jaipur
वैसे तो आप जयपुर कभी भी आकर घूम सकते है लेकिन आप मौसम का मजा लेते हुए घूमना चाहते है तो अक्टूबर से मार्च तक घुमने का समय सबसे अच्छा रहेगा.
जयपुर कैसे पहुंचे?
जयपुर आप बस, ट्रेन और हवाई यात्रा करते हुए पहुच सकते है. अगर आप जयपुर के आस पास जैसे : दिल्ली , जोधपुर, या आगरा जैसे शहरों में रह रहे है तो आप खुद के साधन से भी यहाँ विजिट कर सकते है.
जयपुर में फेमस लोकल फूड (Local Food in Jaipur)
जयपुर घुमने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि जयपुर में क्या फेमस है. (jaipur me famous kya hai) जयपुर का स्ट्रीट फूड भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में फेमस है. आकर आप जयपुर घुमने जाइये तो वहाँ के लोकल फ़ूड का आनंद तो जरुर ही लिए . वहाँ पर आपको लाल मांस (Laal maans),प्याज कचौरी (Pyaz Kachori), बाजरे की रोटी, घेवर (Ghevar) ,गट्टे की सब्जी,दाल, बाटी, चूरमा (Dal, baati, churma,) श्रीखंड (Shrikhand) आदि आइटम खाने में मिल जायेगे. यह इतने ज्यादा स्वादिस्ट एवं मशहूर है कि इनके विदेशो में भी खूब चर्चे है.
इसे भी पड़े : वाराणसी(Varanasi) में घूमने की 10 सर्वश्रेष्ठ जगहें
जयपुर में घुमने के लिए सबसे अच्छी जगह : best places to visit in jaipur
भारत के पेरिस यानि जयपुर में अगर आप घुमने के मन बना चुके है तो आपको जयपुर में घुमने के बेस्ट जगहों (tourist place in Jaipur) के बारे में जानना जरुरी है. कई प्राचीन किलों और इमारतों से सजे इस शहर में घुमने बेस्ट घुमने कि जगहों कि लिस्ट यहाँ पर है जिस पर क्रम से हम चर्चा करेंगे.
हवामहल (Hawa Mahal)
हवामहल (Hawa Mahal ) एक राजसी-महल है।जिसे 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था. जो कि जयपुर बड़ी चौपड़ पर मेट्रो स्टेशन एक पास स्थित है. हवा महल को वास्तुकार लाल चंद उस्ताद द्वारा डिजाइन किया गया था।
यह महल बाहर से देखने पर मधुमक्खी के छत्ते कि भाति दिखाई पड़ता है. इस महल में लगभग 1000 छोटी खिड़कियाँ लगी हुई है.जो इसे और खूबसूरत बनाती है. इस महल कि खास बात यह भी है कि इसे हिन्दू, राजपूत व इस्लामिक वास्तुकला को मिलाकर बनाया गया है.
प्रवेश शुल्क और टाइमिंग
अगर आप भारतीय है तो आपको 10 रूपये और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपये तक का शुल्क देना पड़ता है. और आप मोर्निंग में 9:00 से शाम 4:30 तक यहाँ घूम सकते है.
जंतरमंतर (Jantar Mantar)
जयपुर का जंतर मंतर, 1724 से 1734 के बीच महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित, एक अद्वितीय खगोलीय वेधशाला है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। इसमें14 मुख्य यंत्र हैं जो समय को मापने, ग्रहणों की पूर्वानुमान करने, आकाशीय वस्तुओं का पता लगाने और सौर मण्डल के ग्रहों की गतियों को समझने में सहायक हैं। ये यंत्र भारतीय गणित और खगोल विज्ञान के गहन ज्ञान का प्रतीक हैं, जो शिक्षात्मक संस्था के रूप में तैयार किए गए थे ताकि सभी के लिए संकटपूर्ण संकल्पों को समझना सरल हो सके।
जयपुर का जंतर मंतर, जय सिंह के पांच वेधशालाओं में सबसे बड़ी है और 2010 में इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी।
प्रवेश शुल्क और टाइमिंग
यहाँ घुमने के लिए आपको कुछ शुल्क देना होगा. विदेशी वयस्क पर्यटकों के लिए 200 एंड स्टूडेंट्स को 100 रूपये देने होगे. और अगर आप भारतीय है तो वयस्क के लिए मात्र 40 और स्टूडेंट्स को 15 रूपये तक देना होगा.
यहाँ आप मोर्निंग के 9 बजे से लेकिअर शाम को 4:30 तक घूम सकते है.
आमेरकिला (Amer Fort)
जयपुर के आमेर क्षेत्र में स्थित आमेर दुर्ग, जिसे आमेर किला या आंबेर महल भी कहा जाता है, राजस्थान की समृद्ध धरोहर का प्रतीक है। इस प्राचीन संरचना को राजपूताना के कला-संस्कृति के उज्ज्वल अंग द्वारा सजाया गया है। यह सुंदर लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनी स्तुपी स्तरों पर फैली हुई है। मावठा सरोवर को देखकर इसकी शांतिपूर्ण दृश्य से प्रेरित होते हैं।
इस दुर्ग में विशाल प्रांगणों के बीच-बीच में दीवान-ए-आम (जन सभा), दीवान-ए-खास (विशेष सभा), शीश महल और सुख निवास जैसे महत्वपूर्ण भाग हैं। सुख निवास भाग में जल प्रवाहों से बनी शीतल वातावरण विशेष रूप से ग्रीष्मकाल में आनंददायक रहता था। यहां के आरामदायक महलों में कछवाहा राजपूतों के महाराजों और उनके परिवारों का निवास था।
दुर्ग के भीतर, मुख्य प्रवेश द्वार के पास, माता दुर्गा के समर्पित एक मंदिर है जिसे लोकप्रिय चैतन्य पंथ की देवी शिला माना जाता है। आमेर दुर्ग और जयगढ़ दुर्ग, अरावली पर्वतमाला के ऊपर स्थित हैं और एक गुप्त सुरंग से जुड़े हुए हैं।
आमेर दुर्ग को 2013 में कम्बोडिया में आयोजित विश्व धरोहर समिति के 37वें सत्र में राजस्थान के पांच अन्य दुर्गों के साथ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया है।
आमेर का नाम अम्बिकेश्वर मंदिर से लिया गया है, जो भगवान शिव के एक रूप को दर्शाता है। यहां के स्थानीय लोग इसे माँ दुर्गा के पर्यायवाची अम्बा से जुड़ते हैं। इसके अलावा, इसे अम्बावती, अमरपुरा, अम्बर, आम्रदाद्री और अमरगढ़ नामों से भी जाना जाता है।
अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम (Albert Hall Museum)
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर ( Albert Hall Museum Jaipur) ,यह राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय है और राम निवास बाग के बाहर, सिटी वॉल के नए गेट के पास स्थित है। इसे सैम्युअल स्विंटन जैकब द्वारा इंडो-सारासेनिक शैली में डिज़ाइन किया गया था और 1887 में इसे एक सार्वजनिक संग्रहालय के रूप में खोला गया। मूल रूप से महाराजा राम सिंह द्वारा इसे एक टाउन हॉल के रूप में बनवाया गया था, लेकिन बाद में महाराजा माधो सिंह द्वितीय ने इसे जयपुर के कला संग्रहालय के रूप में पुनः स्थापित किया, जिसे गवर्नमेंट सेंट्रल म्यूज़ियम के नाम से भी जाना जाता है। संग्रहालय में प्राचीन चित्रकला, कालीन, हाथीदांत, कीमती पत्थर, धातुएं, और रंग-बिरंगे कलात्मक वस्त्रों का एक विविध संग्रह है।
प्रवेश शुल्क और टाइमिंग
अगर आप भारतीय है तो यहाँ आपको 20 रूपये का टिकट लेना पड़ेगा. और विदेशी पर्यटक को 150 रूपये का टिकट लेना पड़ेगा. यहाँ पर मोर्निंग 10:00 बजे से शाम के 4:30 बजे घूम सकते है.
जलमहल (Jal Mahal)
जयपुर, राजस्थान में मानसागर झील के बीच स्थित जल महल एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। झील के बीच में स्थित होने के कारण इसे “वाटर पैलेस” के नाम से भी जाना जाता है। इसे महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था और यह मध्यकालीन राजपूत वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें सुंदर मेहराब, मीनारें और स्तरीय बालकनियाँ हैं। आज यह एक पक्षी अभयारण्य के रूप में सेवा करता है, जिसके नर्सरी में 100,000 से अधिक पेड़ हैं और इनमें राजस्थान के सबसे ऊँचे पेड़ शामिल हैं। महल से अरावली पर्वत और झील के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं, जो विशेष रूप से चांदनी रातों में बहुत आकर्षक होते हैं।
सिसौदिया रानी गार्डन (Sisodiya Rani Garden)
सिसोदिया रानी बाग (Sisodia Rani Garden ) एक बाग तथा महल है जो राजस्थान की राजधानी जयपुर से 6 किमी की दूरी पर स्थित है।
. इसका निर्माण 1728 में सवाई जयसिंह के द्वारा करवाया गया था.सवाई जयसिंह ने अपनी मेवाड़ महारानी चन्द्रकंवर के लिए इस महल का निर्माण कराया था.फ़िल्म लम्हें की शूटिंग जो कि 1991 में में की गयी थी. यही हुई थी.
गल्ताजी (Galta Ji)
जयपुर के पास स्थित गलता जी (Galta Ji ) मंदिर एक पूजनीय प्राचीन तीर्थ स्थल है जो अरावली पहाड़ियों में बसा हुआ है। अपनी गुलाबी बलुआ पत्थर की वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए जाना जाने वाला यह मंदिर विभिन्न देवताओं, जिनमें भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान हनुमान शामिल हैं, को समर्पित है। मंदिर परिसर में प्राकृतिक झरने, सात पवित्र तालाब और “गलता कुंड” शामिल हैं, जो अपने सतत जल प्रवाह के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर का संबंध संत गालव की सदियों लंबी तपस्या से जुड़ी कथाओं से है। यहाँ आध्यात्मिक भजनों की गूँज, चित्रित दीवारों वाली जटिल वास्तुकला, और पहाड़ी की चोटी से जयपुर शहर के मनोरम दृश्य देखने को मिलते हैं। मकर संक्रांति के दौरान, जनवरी के मध्य में, यहाँ आने का सबसे अच्छा समय होता है, जब भक्त पवित्र तालाब में सूर्यास्त के समय स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं।
हरे-भरे हरियाली से घिरा और शांत वातावरण प्रदान करने वाला गलता जी मंदिर वास्तुशिल्प भव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य का मिश्रण है, जो राजस्थान में पर्यटकों, फोटोग्राफरों और आध्यात्मिक साधकों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थल है।
नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort)
अरावली पहाड़ियों की चोटी पर स्थित नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort), जो जयपुर में है, 1734 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा आमेर की रक्षा के लिए बनाया गया था। किंवदंतियों के अनुसार, एक बेचैन आत्मा जिसका नाम नाहर सिंह था, इस किले के निर्माण में बाधा डाल रही थी। 19वीं सदी में सवाई राम सिंह और सवाई माधो सिंह द्वारा इसका विस्तार किया गया, जिसमें राजा की नौ रानियों के लिए महल बनाए गए, जो आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। पश्चिमी भाग में “पड़ाव” नामक एक रेस्टोरेंट है, जो सुंदर सूर्यास्त के दृश्य प्रस्तुत करता है। नाहरगढ़ किला इतिहास, रहस्य और अद्भुत दृश्यों को मिलाकर एक आकर्षक अनुभव प्रदान करता है।
निष्कर्ष
उम्मीद है कि आपको आज का यह ब्लॉग पसंद आया होगा.जिसमे आपने भारत के पेरिस यानि जयपुर में स्थित कुछ विशेष पर्यटक स्थलों के बारे में जाना . अगर आप जयपुर घुमने के बारे में सोच रहे है तो आपको यहाँ पर जरुर विजिट करना चाहिए.
भारत के यह शहर इतना विशेष है कि यहाँ पर भारतीयों के आलावा विदेशी पर्यटकों को बड़ी भीड़ लगती है. इसका कारण है है कि यह शहर सच में इतना विशेष है. यहाँ भारतीय महाराजों कि एक विशेष झलक देखने को मिलती है.
Frequently Asked Questions
जयपुर की फेमस चीज क्या है?
जयपुर में यहाँ के किले , पुरानी परम्परा का एहसास, अपने लोकल फूड के लिए जानी जाती है.
जयपुर घूमने में कितना दिन लगता है?
जयपुर आप 3 से 4 दिन में आराम से घूम सकते हैंI
जयपुर घूमने के लिए कितना पैसा चाहिए?
अगर आप बजट बना कर घूमते हैं तो आप 8000 रूपए में जयपुर घूम सकते हैंI
जयपुर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?
जयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच क होता हैI इस समय यहाँ का मौसम काफी अच्छा होता है, जिससे आपको घूमने में आसानी होती हैI
जयपुर में रात में रुकने कि कौन सी जगह बेस्ट रहेगी ?
जयपुर में आपको कई सस्ते और महंगे होटल मिल जाएँगे आप अपने सुविधा अनुसार अपना बजट बना सकते है.
रात के समय जयपुर में घूमने के लिए कौन सी जगह हैं?
जयपुर में आप रात में हवा महल, मूर्ति सर्किल, जयपुर बार स्टॉक एक्सचेंज, अमर जवान ज्योति, जवाहर सर्किल गार्डन, नाहरगढ़ किला और ब्लैकआउट पब घूम सकते हैंI रात में यहाँ की खूबसूरती देखते ही बनती हैI