यमुना नदी के किनारे बसा भारत की राजधानी नई दिल्ली एक ऐतिहासिक नगरी है. जहां एक तरफ आईटी हब तो दूसरी तरफ यहां पर स्थित मंदिर, प्राचीन इमारते, और महल लोगो को अपने तरफ आकर्षित करता है. यहां घूमने के लिए भारतीयों के साथ साथ विदेशी भी बड़ी संख्या में आते है. अगर आप भी दिल्ली में घूमने की जगह (delhi me ghumne ki jagah) खोज रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह आये है. आज के इस ब्लॉग में दिल्ली के हम दिल्ली के 10 सबसे बेस्ट जगहों के बारे में जानेगे.
1- लाल किला (Red Fort )
लाल किला (Red Fort) का भारत के ऐतिहासिक किलो में से एक में से एक है. जिसे 1638-1648 में मुग़ल शाहजहाँ ( Shah Jahan) के द्वारा बनवाया गया था. इस किले के बहुत ही अद्भुद तरीके से बनाया गया है. यह किला दिल्ली का सबसे फेमस किला है. यह किला लगभग 200 साल पुराना है. और यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage) और मुगल वास्तुकला का प्रतीक (symbol of Mughal architecture) के रूप में जाना जाता है.
लाल किला वह जगह है जहां पर 26 जनवरी और 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री के हाथो से झंडा फहराया जाता है.
लाल किला वह जगह से जहां घूमने के लिए भारत के आलावा अन्य देशो के लोग भी आते है.
विवरण | जानकारी |
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स्थान | दिल्ली, भारत |
निर्माणकर्ता | मुग़ल सम्राट शाहजहाँ |
निर्माण काल | 1638 – 1648 |
वास्तुकला शैली | मुग़ल वास्तुकला (फारसी, तैमूरी, और भारतीय प्रभाव) |
सामग्री | लाल बलुआ पत्थर |
मुख्य संरचनाएँ | लाहौर गेट, दिल्ली गेट, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, रंग महल, मुमताज़ महल |
ऐतिहासिक उपयोग | मुग़ल सम्राटों का मुख्य निवास स्थान |
वर्तमान उपयोग | पर्यटक आकर्षण और संग्रहालय |
यूनेस्को विश्व धरोहर | 2007 में नामांकित |
महत्त्व | भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह का स्थल, भारतीय धरोहर का प्रतीक |
खुलने के घंटे | प्रतिदिन खुला, सोमवार को बंद (परिवर्तनों के लिए जांचें) |
विशेष विशेषताएँ | लाइट और साउंड शो जो किले के इतिहास को बताता है |
लाल किला घूमने का कितना पैसा लगता है?
अगर आप भारतीय है तो आपको लाल किला घूमने के लिए 60 से 100 रूपये तक देने पड़ सकते है. लेकिन अगर आप किसी अन्य देश से लाल किला घूमने आये है तो आपको 700 से 1000 रूपये देने पड़ सकते है.
क्या लाल किला रविवार को बंद रहता है?
जी नहीं! लाल किला मंगलवार से रविवार तक पर्यटक के लिए खुला रहता है। और सोमवार को पर्यटक के लिए बंद रखा जाता है.
2- अक्षरधाम (Akshardham )
भगवान स्वामीनारायण ( Lord Swaminarayan) को समर्पित अक्षरधाम (Akshardham) दिल्ली का मशहूर मंदिर है जिसे वर्ष 2005 में Pramukh Swami Maharaj के द्वारा बनवाया गया था. अक्षरधाम (Akshardham) हिन्दू मंदिर है जो कि Indian culture और spirituality को दिखता है.
यह मंदिर लगभग 100 एकड़ से भी अधिक में भूमि में फैला हुआ। जो किसी भारत के साथ विश्व में प्रसिद्ध है.
भगवान स्वामीनारायण को समर्पित यह मंदिर दिल्ली का एक विशेष दर्शनीय स्थलों में से एक है। जो दिल्ली के अलावा पूरे भारत में भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगो के लिए सांस्कृतिक तीर्थ के रूप में भी जाना जाता है।
यह मंदिर कब खुलता है?
अक्षरधाम (Akshardham) में आप सुबह 9.30 से शाम 8 बजे तक दर्शन कर सकते है.
विवरण | जानकारी |
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पूरा नाम | स्वामीनारायण अक्षरधाम |
स्थान | दिल्ली, भारत |
समर्पित | भगवान स्वामीनारायण |
उद्घाटन | 6 नवंबर, 2005 |
प्रबंधक | बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) |
वास्तुकला शैली | पारंपरिक हिंदू वास्तुकला, प्राचीन भारतीय डिजाइन तत्वों के साथ |
प्रमुख सामग्री | मुख्य रूप से गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर |
मुख्य विशेषताएँ | मंदिर (मंदिर), यज्ञपुरुष कुंड, मूल्यों का हॉल (सहज आनंद जल शो), सांस्कृतिक नाव यात्रा, भारत उपवन (भारत उपवन), योगी ह्रदय कमल |
महत्त्व | सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र, शांति, सद्भाव और भक्ति के मूल्यों को बढ़ावा देना |
पर्यटक आकर्षण | दिल्ली के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक |
खुलने के घंटे | सामान्यतः सुबह 9:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक, सोमवार को बंद (सटीक समय और विशेष घटनाओं के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें) |
प्रवेश शुल्क | मुख्य मंदिर परिसर के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं, प्रदर्शनी और जल शो के लिए टिकट आवश्यक |
फोटोग्राफी | मंदिर परिसर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है |
अतिरिक्त विशेषताएँ | सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वयंसेवा के माध्यम से सामुदायिक और सेवा भावना को बढ़ावा देना |
3- कुतुबमीनार (Qutub Minar)
जब दिल्ली के सबसे मशहूर घूमने की जगह (Delhi me ghumne ki jagah) की बात हो और कुतुबमीनार (Qutub Minar) नाम उसमे ना आये ऐसा हो ही नहीं सकता। कुतुबमीनार (Qutub Minar) को 1192 में क़ुतबुद्दीन ऐबक (Qutb-ud-din Aibak) के द्वारा बनवाया गया था. यह मीनार दिल्ली सल्तनत काल के दौरान बनाया गया था जो कि अपनी जटिल नक्काशी और खूबसूरत वास्तुकला के लिए भी जानी जाती है। यह मीनार भारत की सबसे बड़ी मीनार है. और यूनेस्को की विश्व धरोहर (UNESCO World Heritage) स्थल भी है।
कुतुबमीनार (Qutub Minar) घूमने के लिए कितने रूपये का टिकट लगता है?
कुतुबमीनार (Qutub Minar) घूमने के लिए लगभग 500 से 800 रूपये लग सकते है.
कुतुबमीनार (Qutub Minar) के पास में कौन सा मेट्रो स्टेशन है?
कुतुबमीनार (Qutub Minar) के पास में कुतुबमीनार (Qutub Minar) मेट्रो स्टेशन है.
विवरण | जानकारी |
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स्थान | महरौली, दिल्ली, भारत |
निर्माण प्रारंभ | 1192 |
निर्माण पूर्ण | 1220 |
निर्माता | कुतुब-उद-दीन ऐबक, पूरा किया उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने |
समर्पित | विजय मीनार, दिल्ली विजय की स्मृति |
ऊंचाई | 72.5 मीटर (237.8 फीट) |
सामग्री | लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर |
मंजिलें | पाँच, प्रत्येक में एक प्रक्षिप्त बालकनी |
निचला व्यास | 14.3 मीटर |
ऊपरी व्यास | 2.7 मीटर |
डिजाइन शैली | इंडो-इस्लामिक वास्तुकला, कुरान की आयतें और जटिल नक्काशी |
महत्त्व | मुस्लिम शासन की शुरुआत की स्मृति, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल |
प्रवेश शुल्क | भारतीय नागरिकों और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग दरें |
खुलने के घंटे | प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला |
निकटवर्ती आकर्षण | कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, लौह स्तंभ, अलाई मीनार |
4- इंडिया गेट (India Gate)
अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के नाम से मशहूर इंडिया गेट (India Gate) दिल्ली में घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है. इसे 1921 में Edwin Lutyens के द्वारा बनवाया गया था. यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और भारतीय राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।
इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में बनाया गया था. इसी कारण यह एक युद्ध स्मारक है।
इंडिया गेट (India Gate) घूमने के लिए कितने रूपये का टिकट लगता है?
इंडिया गेट (India Gate) आप बिल्कुल फ्री में घूम सकते है. यहां घूमने का कोई टिकट नहीं लगता.
विवरण | जानकारी |
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पूरा नाम | इंडिया गेट |
स्थान | नई दिल्ली, भारत |
प्रकार | युद्ध स्मारक |
डिजाइन किया | सर एडविन लुटियंस |
निर्माण प्रारंभ तिथि | 10 फरवरी 1921 |
उद्घाटन | 12 फरवरी 1931 |
समर्पित | प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिक |
ऊंचाई | 42 मीटर (138 फीट) |
सामग्री | बलुआ पत्थर |
प्रमुख विशेषता | अमर जवान ज्योति |
महत्त्व | शहीद सैनिकों की स्मृति, गणतंत्र दिवस परेड का केंद्र |
प्रवेश शुल्क | कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
खुलने के घंटे | पूरे दिन खुला, रात में रोशनी से सजाया जाता है |
निकटवर्ती आकर्षण | राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक |
5- कनोट पैलेस (Connaught place)
कनोट पैलेस (Connaught Place) जो की राजीव चौक (Rajiv Chowk) के नाम से भी जाना जाता है. जो की दिल्ली (Central Delhi) के बीच में स्थित है. कनोट पैलेस (Connaught Place) को 1929 में British architects के द्वारा बसाया गया था, यह जगह शॉपिंग और डिजाइनिंग के लिए मशहूर है. यहां पर ज्यादातर लोग शॉपिंग करने, और यहां हो रहे छोटे-बड़े इवेंट का लुफ्त उठाने आते है.
कनोट पैलेस (Connaught Place) के अटैक्शन का केंद्र, यहाँ पर मौजूद होटल्स, शॉपिंग सेन्टर, और रेस्टोरेंट है. ज्यादातर लोग यहाँ पर शाम को घूमना पसंद करते है.
विवरण | जानकारी |
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नाम | कनॉट प्लेस (Connaught Place) |
स्थानीय नाम | राजीव चौक |
स्थान | नई दिल्ली, भारत |
निर्माण काल | 1929-1933 |
डिजाइनर | रॉबर्ट टॉर रसेल |
वास्तुशैली | औपनिवेशिक वास्तुकला |
प्रसिद्धि | नई दिल्ली का प्रमुख व्यावसायिक और मनोरंजन केंद्र |
6- हुमायू का मकबरा – Humayun’s Tomb
दिल्ली में घूमने के लिए हुमायू का मकबरा ( Humayun’s Tomb) एक मशहूर जगह है. जिसे हुमायूँ ने अपनी बेगम महारानी बेगा बेगम के याद बनवाया था. हुमायू का मकबरा ( Humayun’s Tomb) जिसे भारत का पहला उद्यान-मकबरा का दर्जा दिया गया. यह बड़े पैमाने पर लाल बलुआ पत्थर का पहला उपयोग करके बनाया गया है. अगर आप दिल्ली घूमने आ रहे है तो आपको हुमायू का मकबरा ( Humayun’s Tomb) जरूर घूमना चाहिए.
विवरण | जानकारी |
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नाम | हुमायूं का मकबरा |
स्थान | निजामुद्दीन पूर्व, नई दिल्ली, भारत |
निर्माण | 1565-1572 ई० |
का आदेशकर्ता | बेगा बेगम (हुमायूं की पहली पत्नी) |
स्थापत्यकार | मीरक मीर्ज़ा ग़ियास |
राजनीतिक संकेत | मुघल |
महत्व | यह भारतीय उपमहाद्वीप पर पहला बाग़-मकबरा था और यह वास्तुकला में महत्वपूर्ण नवाचार को संकेत देता था |
शैली | मुघल शैली में पर्सियन प्रभाव |
सामग्री | लाल पत्थर और सफेद संगमरमर |
गोल बाग | चारबाग़ (पर्सियन शैली के बाग़ का डिज़ाइन), जिसमें पथप्रदर्शक और जल पथ हैं |
मुख्य मकबरा | मुख्य कमरा में हुमायूं की समाधि है, जिसके चारों ओर मुग़ल शाहीयत वाले अन्य कब्र हैं |
दोहरी गुंबद | मुघल वास्तुकला की एक प्रमुख विशेषता, यह संरचनात्मक ठोसता और सौंदर्य की सुनिश्चिती करता है |
सजावट | जटिल जाली काम, ज्यामितीय नक्काशी, और कुरानी अंकित |
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल | 1993 में घोषित |
भ्रमण समय | सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रतिदिन खुला रहता है |
प्रवेश शुल्क | भारतीय: INR 40 और विदेशी: INR 600 |
7- जामा मस्जिद – Jama Masjid
दिल्ली में घूमने की जगह (delhi me ghumne ki jagah) की लिस्ट बनती है तो उसमे जामा मस्जिद (Jama Masjid ) का नाम भी जरूर जोड़ा जाता है. जामा मस्जिद (Jama Masjid ) पुरानी दिल्ली (चांदनी चौक,) में स्थित है. जहां घूमने के लिए भारतीयों के साथ विदेशी टूरिस्ट भी बहुत आते है.
जामा मस्जिद (Jama Masjid ) लाल पत्थर और सफेद संगमरमर को मिलकर बना हुआ है. इसकी ख़ास बात यह है कि यह तीन गेटवे, चार टावर, दो 40 मीटर ऊँची मीनारें के साथ बनी हुई है. भले ही यह मुस्लिम धर्म के प्रतीक के रूप में जानी जाती हो लेकिन यहां पर हिन्दुओ की भी बहुत भीड़ आती है.
विवरण | जानकारी |
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स्थान | पुरानी दिल्ली, चांदनी चौक, दिल्ली, भारत |
निर्माण | मुग़ल सम्राट शाह जहाँ द्वारा बनाया गया (1644-1656) |
वास्तुकला | मुग़ल वास्तुकला |
सामग्री | लाल पत्थर, सफेद संगमरमर |
आकार | तकरीबन 25,000 पूजारियों को समाहित कर सकता है |
विशेषताएँ | तीन गेटवे, चार टावर, दो 40 मीटर ऊँची मीनारें |
पहुँच | सभी धर्मों के दर्शकों के लिए खुला है, मोडेस्ट पहनावा |
पर्यटन | लोकप्रिय पर्यटन स्थल, महत्वपूर्ण सीमांत |
8-लोटस टेंपल – Lotus Temple
भारत के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरो में लोटस टेंपल (Lotus Temple) का भी नाम आता है. अगर आप दिल्ली में घूमने की जगह (delhi me best ghumne ki jagah) की तलाश में है तो आपको लोटस टेंपल (Lotus Temple) जरूर घूमना चाहिए.
लोटस टेंपल (Lotus Temple) नई दिल्ली के कालकाजी में स्थित है। और इस मंदिर का डिज़ाइन कमल का फूल की भांति बनी हुई है, इस मंदिर में लगभग 2500 लोग एक साथ घूम सकते है. और और सोमवार को बंद रहता है.
विवरण | जानकारी |
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नाम | लोटस टेम्पल |
स्थान | कालकाजी, नई दिल्ली, भारत |
धर्म | बहाई धर्म |
निर्माण पूरा हुआ | 1986 |
वास्तुकार | फरिबोर्ज़ सहबा |
डिजाइन प्रेरणा | कमल का फूल |
संरचना | 27 संगमरमर से ढकी पंखुड़ियाँ, जो तीन के समूह में नौ पक्षों में व्यवस्थित हैं |
सामग्री | ग्रीस के पेंटेली पहाड़ से सफेद संगमरमर |
क्षमता | लगभग 2,500 लोग |
परिवेश | बगीचे और नौ जलाशय |
आंतरिक सज्जा | सरल और धार्मिक प्रतीकों से रहित |
भ्रमण समय | सप्ताह में छह दिन खुला (सोमवार को बंद) |
पहुंच | सार्वजनिक परिवहन द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है |
महत्व | मानवता और धर्म की एकता पर जोर देता है |
सांस्कृतिक प्रभाव | दिल्ली का आधुनिक प्रतीक, अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देता है |
पुरस्कार | कई वास्तुकला पुरस्कार |
पर्यटक आकर्षण | दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले भवनों में से एक |
9- राजघाट – Rajghat
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि जिसे राजघाट (Rajghat) से जाना जाता है. यह भारत के राजधानी नई दिल्ली में है. इसका निर्माण 1948 में पूरा हुआ था इसकी संरचना काले संगमरमर का मंच की भांति बानी हुई है. जिसपर “हे राम” अंकित है.
राजघाट (Rajghat) घूमने के लिए बड़ी संख्या में लोगो की भीड़ लड़ती है। जिसमे भारतीय के साथ साथ विदेशी में आते है.
राजघाट (Rajghat) कोई भी बिना पैसे दिए घूम सकता है. यहां घूमने का कोई टिकट नहीं लगता.
राजघाट (Rajghat) पर गांधी जयंती (2 अक्टूबर) और शहीद दिवस (30 जनवरी) पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.
विवरण | जानकारी |
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नाम | राजघाट |
स्थान | नई दिल्ली, भारत |
महत्व | महात्मा गांधी की समाधि |
निर्माण पूरा हुआ | 1948 |
संरचना | काले संगमरमर का मंच |
शिलालेख | “हे राम” अंकित |
परिवेश | बगीचे, फव्वारे और सुंदर परिदृश्य |
अमर ज्योति | मंच के एक सिरे पर जलती हुई अनन्त ज्योति |
ऐतिहासिक महत्व | अहिंसा और सत्य का प्रतीक राष्ट्रीय स्मारक |
भ्रमण समय | प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला |
पहुंच | सार्वजनिक परिवहन द्वारा आसानी से पहुंच योग्य, पास में पार्किंग सुविधाएं |
प्रवेश शुल्क | नि:शुल्क |
नजदीकी आकर्षण | राजघाट समाधि परिसर, गांधी संग्रहालय |
विशेष कार्यक्रम | गांधी जयंती (2 अक्टूबर), शहीद दिवस (30 जनवरी) |
10- छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple)
छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple) जिसे श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर के नाम से भी जाना है. दिल्ली में घूमने के लिए मशहूर है. इसकी स्थापना 1974 में बाबा संत नागपाल जी द्वारा किया गया था.
इसकी वास्तुकला शैली दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला का मिश्रण है. जो इसे खास बनती है. और यह 60 एकड़ में फैला हुआ है. यह मंदिर प्रतिदिन सुबह से देर शाम तक खुला रहता है जिसमे हमेश लोगो का आना जाना लगा रहता है.
अगर आप दिल्ली के आस पास भी रहते है यहाँ दिल्ली घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको एक बार छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple) भी जरूर घूमना चाहिए. छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple) घूमने के लिए आपको कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है. यह बिलकुल फ्री है.
विवरण | जानकारी |
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नाम | छतरपुर मंदिर (श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर) |
स्थान | छतरपुर, नई दिल्ली, भारत |
देवता | देवी कात्यायनी (दुर्गा का एक रूप) |
स्थापना | बाबा संत नागपाल जी द्वारा |
स्थापित | 1974 |
धार्मिक महत्व | देवी कात्यायनी को समर्पित, जो शक्ति और बल की प्रतीक हैं |
महत्व | यह भारत के सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से एक है और अपनी सुंदर वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है |
वास्तुकला शैली | दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला का मिश्रण |
परिसर क्षेत्र | 60 एकड़ में फैला हुआ |
मुख्य विशेषताएं | मुख्य मंदिर देवी कात्यायनी को समर्पित है, और कई अन्य देवताओं को समर्पित मंदिर भी हैं |
सामग्री | सफेद संगमरमर से निर्मित और जटिल नक्काशी से सुसज्जित |
मुख्य आकर्षण | मुख्य मंदिर में देवी कात्यायनी की मूर्ति, जो पूरे दिन दर्शन के लिए खुली रहती है |
अन्य मंदिर | गणेश जी, शिव जी और अन्य देवताओं को समर्पित मंदिर |
त्योहार | नवरात्रि धूमधाम से मनाया जाता है, जो हजारों भक्तों को आकर्षित करता है |
यज्ञशाला | यज्ञ (पवित्र अग्नि अनुष्ठान) के लिए विशेष हॉल |
भ्रमण समय | प्रतिदिन सुबह से देर शाम तक खुला रहता है |
पहुंच | सार्वजनिक परिवहन द्वारा आसानी से पहुंच योग्य, पर्याप्त पार्किंग स्थान उपलब्ध |
प्रवेश शुल्क | नि:शुल्क |
नजदीकी आकर्षण | कुतुब मीनार (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) और फाइव सेंस गार्डन |
कार्यक्रम और गतिविधियाँ | दैनिक आरती और पूजा, नवरात्रि के दौरान विशेष कार्यक्रम और आध्यात्मिक प्रवचन |
Conclusion
यमुना नदी के किनारे बसा ये शहर जो कि भारत की राजधानी भी है. अपने प्राचीन इमारतो, प्राचीन महलो, मंदिरों आदि के लिए मशहूर है. अगर आप एक भारतीय है तो आपको एक बार दिल्ली जरुर घूमना चाहिए। क्योकि यहाँ पर मौजूद प्राचीन विरासते आपको प्राचीन भारत का एक झलक दिखाती है.
Frequently Asked Questions
(दिल्ली घूमने के सबसे अच्छा समय कौन सा है) What is the best time to visit Delhi?
अगर आप दिल्ली घूमना चाहते है तो अक्टूबर से मार्च सबसे अच्छा समय है. क्योकि इस समय सर्दी के साथ दिल्ली का मौसम बहुत सुहावना रहता है.
दिल्ली घूमने के लिए कैसे आये?
अगर आप दिल्ली आना चाहते है तो आपके पास कई सारे विकल्प है. आप बस से, ट्रैन से और हवाई यात्रा करते हुए आ सकते है. ज्यादातर लोग जो दूसरे देशो या दूर से दिल्ली घूमने आते वो हवाई यात्रा करते हुए दिल्ली आते है. दिल्ली में ही Indira Gandhi International Airport मौजूद है.
दिल्ली में वो कौन सी जगह है जिसे जरूर घूमना चाहिए ?
वैसे तो पूरी दिल्ली घूमने के लिए बनी हुई है. आप थक जायेगे लेकिन दिल्ली खत्म नहीं होगी. लेकिन कुछ ऐसी जगहे है जिसे हर किसी को घूमना चाहिए. उनके नाम : Red Fort, Qutub Minar, Humayun’s Tomb, and India Gate है.
दिल्ली में घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है? (What is the best time to visit Delhi?)
दिल्ली में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का होता है. क्योकि इस बीच पूरे दिल्ली में ठंडा मौसम रहता है.
दिल्ली में मुख्य रूप से कौन सा त्यौहार मनाया जाता है? (Are there any unique festivals or events in Delhi?)
दिल्ली में मुख्यत: होली, दीपावली, और छठ पूजा जैसे त्यौहार मुख्य रूप से मनाये जाते है. इसके साथ दिल्ली के अंदर कई अन्य प्रदेशो के लोग भी आकर बसे हुए है. वो अपने रहन सहन के मुताबित भी त्यौहार मानते है.
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